Anti Lock Braking System (ABS) क्या है और कैसे काम करता है।

आज कल गाँव या सहर, हर एक रस्ते super highway जैसे हैं. चाहे bike हो या car हर कोई अपनी गाड़ी को पुरे रफ़्तार से चलाना पसंद करते हैं. ख़ास कर आज कल के नई पीढ़ी के लड़कों के लिए. क्यूंकि उनको ये सब करने में बड़ा मजा आता है. कोई कहीं घुमने जाता है, तो कोई Long Drive पे जाता है. इस तेज रफ़्तार वाली दुनिया में गाड़ी तेज चलाना सबको शोक बन गया है. ये सब कारनामे करते हुए हर रोज पता नहीं कितने लोगों की जान जाती है.
किसी की मौत गाड़ी के फिसल ने से होती है तो किसी की Balance बिगड़ ने से. कुछ लोगों की मौत अचानक से सामने से कुछ आने से भी हो जाती है. आप अगर उपर इन सब Accident पे गोर करोगे तो सब में एक ही वजह मिलेगी, “पहियों का control बिगडना” और इसके पीछे हात है Break पे काबू ना होना. accident के दौरान अगर आप ब्रेक पे काबू पा लें, तो 99% accident को रोक सकते हो.
तो आपके मन में एक सवाल आया होगा क्या कुछ एसा है या कोई Technology है जिस्से ACCIDENT रोका जा सके? जवाब है, हाँ और उस Technology का नाम है ABS. तो आज मै आपको बताऊंगा की ABS (Anti Lock Braking System) क्या है, ABS कैसे काम करता है।
ABS क्या है (What is Anti Lock Braking System in Hindi)
ABS का पूरा नाम है Anti Lock Braking System. ये एक Vehicle Technology है, इसको हम automobile Safety System भी बोल सकते है. इसि Technology मदद से हम ACCIDENT को होने से रोक सकते हैं. अगर आपके गाड़ी में ABS है तो समझलो आप safe हो. जब आप अचानक से ब्रेक दबते हो तो कभी कभी आपकी गाड़ी झटके से रुक जाती है या फिर घिसड्ती हुई चली जाती है. कभी कभी आपकी CAR पलटी करती है. इन सबको रोकने में मदद करता है यही TECHNOLOGY. Anti Lock Braking System की मदद से आपके Wheel कभी भी lock होंगे.
आप 100 km/h से अपनी Car में जा रहे हो और अचानक से सामने से कोई अगया तब आप क्या करोगे, उसको ठोक दोगे, बिलकुल नहीं. आप उस वक्त एक ही काम करोगे जोर से ब्रेक दबाओगे. एसा करते ही आपके गाड़ी के ब्रेक LOCK हो जायेंगे. आपकी गाड़ी फिसल भी सकती है या उसको बचाने के चक्कर में आपके गाड़ी का Balance भी बिगड़ सकता है. आखिर में accident होगा और जान भी जा सकती है.
अगर आपके गाड़ी में ABS है तो आप balance बना के गाड़ी को side से निकाल भी सकते हो. या car टकराए इस्से पहले आप अपनी गाड़ी को कम दुरी पे रोक सकते हो. इसमें में कुछ sensors होते है जो की आपकी driving को Accident free बनाते हैं. बिना ABS वाली गाड़ी ब्रेक दबाने पे जादा दूर जाके रूकती है मगर ABS वाली गाड़ी कम दुरी पे ही रुक जाती है.
ABS technology का इतिहास
Anti lock Braking system हमारे साथ कई सालों से है. कब से है आप ये सोच भी नहीं सकते. ये technology 1929 में aircraft में इस्तेमाल किया गया था. 1966 में एक कार में इसको इस्तेमाल किया गया और लोगों के सामने लाया गया. Jensen Ferguson Formula में पहलीबार इसका यात्रिओं ने अनुभव किया.
धीरे धीरे इस तकनीक को develop किया गया और 1980 तक ये लोगों के सामने आने लगी . लेकिन आज हर नई car में ये technology है. अब तो ये bikes में भी है जिसके लिए अधिक पैसे देने पड़ते हैं.
अब एक सवाल आता है Anti Lock Braking System काम कैसे करता है तो चलिए ये भी जान लेते हैं.
ABS (Anti Lock Braking System) कैसे काम करता है
ABS कोई Component नहीं है. इसके बोहत सारे अलग component हैं जो की एक System जैसे काम करते हैं. अबसे पहले इसमें एक device है जिसका नाम है “Speed Sensor” जो लगातार wheels के speed की निगरानी करता रहता है. अब ये sensor controller device के पास data भेजता है. अब आपके मन और एक सवाल होगा की ये कैसा डाटा है जो sensor, controller device के पास भेजता है. इसमें डाटा कुछ इस प्रकार के होते हैं Speed, Velocity, deceleration in Speed. अब इन डाटा से controller ये पता लगता है की क्या speed में अचानक से कमी आई है और ये तभी होगा जब आप accident जैसी परिस्थिति में break दबाएंगे.
जब अचानक से break दबता है तो, तब यही वो समय है जब ABS activate हो जाता है. ये पता लगा ने की कोसिस करता है कोनसा wheel तेजी से slow हो रहा है. इस process को Deceleration कहते हैं. अब valve का काम आता है जिस Wheel के speed में गिरावट हो रही है उस wheel के break pressure को कम करता है.
फिर से उस wheel के speed में acceleration होता और चारों wheels की speed एक जैसी हो जाती है. फिर से controller wheel को Deceleration करता है अब speed कम हो जाती है और फिर से speed को acceleration करता है. ये acceleration और Deceleration 1 sec में करीबन 20 बार repeat होता है.
आप को कुछ करने की कोई जरुरत नहीं ABS अपना काम आप से बहतर कर रहा है. इसी PROCESS की मदद से गाड़ी को आसानी से control करके रोक सकते हो. ये थी इसके का काम करने के तरीके के बारे में लेकिन अगर ये Anti Lock Braking System कैसे काम करता है समझ नहीं आया तो एक उदहारण से मै आपको समझाता हूँ।
Components of ABS
Anti Lock Braking System में कुल चार component होते हैं.।चलिए एक एक करके हर एक component के बारे में जानते हैं।
Hydraulic Control Unit
Anti Lock Condition के वक्त Hydraulic Control यूनिट, Electronic Control Unit से Signal Receive करता है और उकसे according, कभी कभी break को release करता है और कभी कभी break पे pressure बनाता है. Hydraulic Control Unit, Hydraulic pressure को बढ़ाके break को control करता है या फिर pedal Force का उपयोग करके भी Braking power कम किया जाता है.
Electronic Control Unit
ECU, एबीएस का control unit है. जिसका काम है sensors signal को receive करना, amplifies और बाद में filter करता है, इन सब डाटा को analysis करने के बाद wheel के rotational speed और acceleration का आकलन किया जाता है. pressure के दबाव को निर्धारित करने के लिए rotational speed और acceleration का data की जरुरत पड़ती है.
Valve
जब एबीएस active होता है, तब valves का बस एक ही काम है ब्रेक में Air pressure को Regulate करना. प्रत्येक ब्रेक, valve से जुड़े रहते हैं और हर valve को ABS control करता है. पहली स्तिथि में ब्रेक के valve open रहते हैं और pressure master cylinder से ब्रेक की और गुजरता है. दूसरी स्तिथि में valve closed रहता है और master cylinder से दवाब सिमित रहता है. तिसरी स्तिथि में valve थोडा pressure बनाए रखता है. और तीसरी स्तिथि वाला स्टेप बार बार चालू रहता है जब कार रुक नहीं जाती है.
Speed Sensor
ये sensor प्रत्येक wheels के speed को लगातार Monitors करता रहता है. और acceleration और deceleration (त्वरण और मंदी) को निर्धारित करता है. sensors में उत्प्रेरक रहता है (एक ring जो V-shaped में दांतों जैसी दिखने वाली) और wire coil/magnet assembly, ये electric pulse generate करता है.
ABS के प्रकार (TYPES of ABS in Hindi)
आमतोर पे ABS में इस्तेमाल किये गए Sensors की संख्या और break के प्रकार के हिसाब से Classified किया गया है. breaks को channels की संख्या के मुताबिक अलग प्रकार के में divide किया गया है . अब जानते हैं इनके के प्रकार के बारे में.
Four-channel, four-sensor ABS
इसको सबसे बहतर ABS बताया जाता है. हर एक पहिये में एक एक sensors लगे रहते हैं और हर पहिये में एक एक Valves भी लगे रहते है. Maximum Braking Force का अंदाज़ा लगाने के लिए Controller इन sensors की मदद से सारे पहियों को Monitor करते रहता है.
Three-channel, three-sensor ABS
इस प्रकार के ABS Pickup Trucks में इस्तेमाल किया जाता है. इसमें दो sensors और दो valves आगे Front wheel में लगये जाते हैं और एक sensor और एक valve पीछे वाले दो wheel में लगया जाता है. इसलिए इसे Three-channel, three-sensor ABS बोला जाता है. पीछे wheel वाले sensor और valve को axle में लगाया जाता है. वैसे तो two-channel और one-channel ABS भी है. ये वैसे इतने मजबूत नहीं होते है.
ABS के फायदे और क्या ABS वाली गाड़ी लेनी चाहिए
आजकल की इस रफ़्तार वाली दुनिया में आपको हर जगह हर रोज accident देखने को और सुनने को मिलेंगे. चाहे आप जितना भी SAFETY DRIVE करते हो लेकिन आपको ये तो नहीं बता सकते सामने वाला ठीक से चला रहा है या नहीं. लेकिन क्या आपको पता है, एक research के मुताबिक ये पता चला है, जितने भी CAR ACCIDENT हो रहे हैं, उनमे से जिन Cars में Anti Lock Braking System Technology है उनके accident कम होते है.
और एक कहावत है “जान है तो जाहाँ है”. आगे हम बात करेंगे इसके फायदे के बारे में बताएँगे आपको अपने आप पता चल जायेगा की
“क्या एबीएस वाली गाड़ी लेनी चाहिए”
- car दुर्घटना के दोरान Steering को आसानी से control कर सकते हैं.
- accident होने से पहले आप अपने गाड़ी को काबू कर सकते हो.
- आपकी CAR के फिसलने की संभावना बोहत कम है .
- ब्रेक आपके control में रहेंगे.
- एबीएस वाली गाड़ी कोई भी वस्तु से टकराने से पहले ही कम दुरी पे ही रुक जती है.
- Accident के दोरान break दबाने से गाड़ी के पहिये कभी lock नहीं होंगे.
- इस technology को इस्तेमाल करने के लिए ज्यादा पैसे देने होते हैं.
- अब आपको Decide करना है की आपको ये एबीएस वाली Car लेनी है या नहीं.
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